आखिर अपने मातृ भाषा से घृणा क्यों?

अगर आप भारतीय हैं और हिंदी का अच्छा ज्ञान रखते हैं, तो आप भी Koo App  द्वारा आयोजित हिंदी फेस्ट में हिस्सा ले सकते हैं। इस कार्यक्रम में जो भी हिस्सा लेगा उसे पुरस्कृत भी किया जाएगा। मैं तो आप सभी से विनती करूंगा की अगर आपको अच्छी हिंदी लेखन का गया नही भी है तो भी आप इस में हिस्सा लें। आखिर अपने मातृ भाषा से घृणा क्यों?


आज के समय में हम अंग्रेजी को सबसे अधिक महत्व देते हैं, देना भी चाहिए, लेकिन इसका ये मतलब नही की हम अपने भाषा को ही कुचल डालें। आप अंग्रेजों को ही देख लीजिए वो दूसरे देश में जाते हैं तो वहां की भाषा बोलने की कोशिश करते हैं, जबकि अपने देश जाते ही अपनी भाषा का प्रयोग करते हैं। यही उनके तरक्की का कारण भी है।


हमारे देश में गांव से निकल कर बहुत से बच्चे ऐसे आते हैं जो बहुत ही प्रतिभाशाली होते हैं, सोचने समझने की क्षमता पर उनको अंग्रेजी नहीं आती जिस कारण वो पिछड़ जाते हैं। अब यहां आपके मन में दो सवाल उठ रहा होगा। पहला ये की प्रतिभाशाली होते हुए भी कैसे पिछड़ जाते हैं ? दूसरा ये की आप शहर के बच्चो को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
हां-हां उठ ही रहा है, पता है मुझे, चलो उत्तर भी सुन लो। पहली बात ये आज भारत में सभी कंपनी को इंग्लिश चाहिए इसलिए प्रतिभाशाली होते हुए भी गांव के लोग पिछड़ जाते हैं। दूसरे सवाल का जवाब ये है की शहर के बच्चों को Fuck you, Mother Fucker ETC. कहने से फुरसत कहां ? जो इंग्लिश को तवज्जो नहीं दे सकते वो हिंदी को क्या देंगे ?




अगर आप अपने मातृ भाषा में ही अपने देश में सब कुछ करेंगे तो इससे देश और देश के लोगों की तरक्की होगी और देश के विकाश में तेजी आएगी। लिखने के लिए बहुत कुछ है पर अब नहीं नहीं लिखूंगा, गाली थोड़े ही सुनना है मुझे। 

वैसे आपको बताता चलूं कि भारत देश की विविधता के कारण किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता है। हिंदी भारत में 44% से कम लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी को एक आधिकारिक भाषा बनाने की बहस दशकों से चली आ रही है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। भारतीय संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने का अधिकार नहीं देता है। हालाँकि, पूरे देश में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए हिंदी और अंग्रेजी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में घोषित किया गया है।

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