मुस्लिम का साथ छोड़ हिन्दुओ के पीछे क्यों भागे अखिलेश और मायावती, जानिए कारण

 नॉएडा : पिचले दो चुनावो से देखने को मिल रहा है की बीजेपी उत्तर प्रदेश में भरी मतों से जीतती चली जा रही है.मायावती और अखिलेश जो कभी यूपी के संचालक हुआ करते थे, बुरी तरह से हार हर रहे हैं. मायावती के लिए निम्न तो अखिलेश के लिए मुस्लिम और यादव वोट बैंक ही सबसे ऊपर हुआ करता था. लेकिन बीजेपी के आने के बाद लोग थोड़ा समझदार हुए और अखिलेश मायावती को नाम मात्रा का वोट मिला. यहाँ तक की उनके वोट बैंक ने भी उनका साथ छोड़ दिया.

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लेकिन हिन्दू समाज की पार्टी कहे जाने वाली पार्टी, बीजेपी का साथ हिन्दू और ब्राह्मण समाज ने नहीं छोड़ा.यही कारन हैं की अब दोनों की पार्टिया उच्च जाती को रिझाने में जुटी हैं. पिछले चुनावो में लोगो ने जाती धर्म से ऊपर उठकर विकास को चुना था और जातिगत राजनीती को त्याग दिया था . लेकिन २०२२ के चुनाव के निकट आते ही राजनेता फिर से पिछली हर को भूल जातिगत राजनीती करने लगी हैं.

बस अब इंतजार हैं चुनाव और उसके रिजल्ट के ऐनी का. उसके बाद ही पता लगेगा की यूपी के लोग अब फिर से जातिगत राजनीती का शिकार हुए हैं या उससे ऊपर निकल कर विकास करने वाली सरकार को चुनेगे.


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