नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे हालात से नई-नई चुनौतियों के सिर उठाते ही भारत और अमेरिका की साझेदारी भी नए स्तर पर जा रही है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना के विमान की उड़ान के प्राथमिकता दी। इस कारण भारत को अपने राजनयिकों को वापस लाने में खास मुसीबत नहीं हुई। ध्यान रहे कि काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा अब भी अमेरिकी सैनिकों के हाथ में ही है।
अमेरिका ने की मदद
बुधवार को कई खबरें आईं कि तालिबान काबुल हवाई अड्डे तक जाने वाले रास्तों पर चेकपॉइंट्स लगा रहा है जिससे लोग एयरपोर्ट नहीं पहुंच रहे हैं। भारत के भी अभी सैकड़ों नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हैं। ऐसे में उनकी वतन वापसी के लिए अमेरिकी मदद की दरकार भविष्य में भी रहेगी। यही वजह है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क पहुंचते ही अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से अफगानिस्तान के मुद्दे पर बातचीत की। जयशंकर ने इस मीटिंग की जानकारी ट्विटर पर दी। उन्होंने लिखा, 'सेक्रेटरी ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा की। मैंने काबुल एयरपोर्ट के सुचारू संचालन की जरूरत पर जोर दिया। इस संबंध में अमेरिकी प्रयासों की सराहना करता हूं।'
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